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कल्याण मटका, एक प्रकार का जुआ है, जिसकी शुरुआत मुंबई में हुई थी। कहा जाता है कि कल्याणजी भगत ने ही इसकी शुरुआत की थी। कल्याणजी भट्ट मूल रूप से एक गुजराती किसान थे जो मुंबई चले आये। उन्होंने किराना व्यवसाय शुरू किया। अंततः उन्होंने जुए की दुनिया में कदम रखा और 1960 के दशक की शुरुआत में कल्याण मटका खोला।
यह एक ऐसा खेल है जिसमें संख्याओं पर दांव लगाया जाता है। इसने मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। कल्याण मटका मटका जुए के अधिक लोकप्रिय रूपों में से एक बन गया।
कल्याण मटका कैसे काम करता है, इसकी सरल व्याख्या यहां दी गई है:
- चयन संख्याएँ: प्रतिभागी पूर्वनिर्धारित संख्याओं की श्रेणी से संख्याएँ चुनते हैं।
- नंबर चुने जाने के बाद प्रतिभागी दांव लगाते हैं। दांव पर लगाई गई राशि अलग-अलग हो सकती है।
- संख्याएँ निकालना: विजेता संख्या संयोजनों के एक सेट का चयन करने के लिए एक यादृच्छिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। इसे मटका या अन्य बर्तनों से संख्याएं निकालकर, या जीतने वाले संयोजनों को निर्धारित करने के लिए किसी अन्य विधि का उपयोग करके किया जा सकता है।
- परिणाम: जिन प्रतिभागियों ने संख्याओं का सही चयन किया है, वे उनके द्वारा लगाए गए दांव के आधार पर एक निश्चित राशि जीतेंगे।
भारत में मटका जुआ अवैध है, और अधिकारियों ने वर्षों से इसके संचालन पर अंकुश लगाने की कोशिश की है। कानूनी मुद्दों के बावजूद यह कुछ क्षेत्रों में प्रचलित है।
जुए से जुड़े कानूनी जोखिमों और निहितार्थों से अवगत रहें। कोई भी कार्रवाई करने से पहले अपने देश की कानूनी स्थिति को समझना और शोध करना महत्वपूर्ण है।
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